आप कितना समय बिताते हैं अपने स्मार्ट-फोन के साथ ? यह एक ऐसा सवाल है जो कभी ना कभी आपके मन को झकझोरता होगा। आज की तकनीकी दुनिया में हम आधुनिक यंत्रों (जैसे की स्मार्ट फोन, टैबलेट इत्यादि) के इतने आदी हो गए हैं कि हमें पता भी नहीं चलता के हम अपने स्मार्ट फोन के स्क्रीन को औसतन पांच से छः घंटे निहारते रहते हैं। तो क्या यह सही है ? इस सवाल का जवाब भी हम सभी को मालूम है कि यह बिल्कुल ही गलत है। हर किसी को यह एहसास जरूर होता है कि हमने समय को यूं ही व्यर्थ किया है। क्योंकि यह एक आदत बन गई है। महामारी के इस दौर ने हमें आदत को अपनाने के लिए एक तरह से बाध्य कर दिया है। इस बात को हम भूल रहें हैं कि हमने आधुनिक उपकरणों का व्यवहार समय को बचाने के लिए किया है ना कि व्यर्थ करने के लिए। आज हम ऐसे मनोवैज्ञानिक तुकमा या जाल में उलझ गए हैं कि हम अपने दिमाग को इस आदत से बाहर नहीं निकाल पा रहे हैं।
अब हम यहां एक आधुनिक उपकरण का उदाहरण लेंगे। हम अपने दैनिक जीवन में साधारणतः एंड्रॉयड उपकरण (Android Device) का उपयोग करते हैं। जिनमें अनेक प्रकार ऐप्स जैसे सोशियल नेटवर्किंग ऐप्स, एंटरटेंमेंट ऐप्स, गेम्स इत्यादि का प्रयोग करते हैं। इनमें से कुछ जो बहुत ही प्रचलित हैं जैसे फ़ेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप, टीक टोक, पब जी इत्यादि हैं । मैं यह नहीं कहता की इन सारे ऐप्स को व्यव्हार नहीं करना चाहिए। जरूरत के अनुसार अगर आप इन्हे व्यव्हार में लाएं तो आप इन ऐप्स के आदी नहीं होंगे। अब हम कैसे इन आदतों को बदल सकते हैं ? हम जरूरत के अनुसार ऐप्स, गेम्स इत्यादि का व्यव्हार कर इन आदतों को बदल सकते हैं । इस काम में एंड्रॉयड 9 और एंड्रॉयड 10 के अपडेट के साथ आने वाले एक फीचर जिसका नाम डिजिटल वेलबिंइंग है, आपकी मदद कर सकता हैै। डिजिटल वेलबिंइंग में आप हर एक ऐप को एक दिन में कितनी देर व्यव्हार करना चाहते हैं उसको सुनियोजित किया जा सकता है। और भी बहुत सारी सेटिंग्स हैं अगर आप को इनके बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो आप यहां कॉमेंट करें । कृपया नीचे दिए जी आई एफ चित्र को अधिक जानकारी के लिए देखें । धन्यवाद । मुझे फ़ेसबुक पर लाइक करें। आपका कॉमेंट मुझे आगे और भी इस तरह की पोस्ट (वो भी हिंदी में) करने को प्रोत्साहित करेगा। पोस्ट को शेयर करें ।
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